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Monday 18 July 2011

(1) आतंक- कब तक भुगतेगा देश ?

3 comments:

  1. आपसे सहमत हूँ . देश रसातल में जाये तो अपनी बला से लेकिन न वोट की राजनीती रुकेगी न ही क्रूर घटनाओं का अंतहीन सिलसिला.सटीक लिखा है. सार्थक पोस्ट के लिए आभार.

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  2. अजीब कानून हैं आपने देश के, और हम हैं कि वोट की कीमत पहचानते नहीं,
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  3. अमृता जी एवं विवेक जी
    मेरे विचारों का समर्थन कर आपने मेरा मनोबल बढाया है , कि इस देश की चिंता मेरे जैसे और भी बहुत से लोगों को है , धन्यवाद

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