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Tuesday, 24 April 2012

जर्नलिस्ट्स , मीडिया एण्ड रायटर्स वेलफेयर एसोसिएशन

     जिस प्रयोजन से " जर्नलिस्ट्स , मीडिया एण्ड रायटर्स वेलफेयर एसोसिएशन " को मूर्त रूप दिया गया है , वह प्रयोजन है , समाज के बीच अपनी कलमकार बिरादरी की विश्वसनीयता बनाए रखने की प्रतिबद्धता और सत्ता तथा समाज की दृष्टि में अपनी उपयोगिता तथा महत्ता को सिद्ध करने की कड़ी परीक्षा में सफलता / इस नए संगठन की किसी सामान उद्देश्य वाले संगठन से कोई  प्रतिस्पर्धा  या  प्रतिद्वंदिता   नहीं  है / जब परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ती है तो नवीन निर्माण अथवा नया घर बनाने की आवश्यकता होती ही है , और वही हम भी कर रहे हैं / वे चाहे पत्रकार हों , इलेक्ट्रानिक या वेब मीडिया से जुड़े लोग , लेखक या कवि , वे सभी संवेदनाओं से भरे हैं / समाज एवं  सत्ता की पल -पल की गतिविधि  पर  उनकी  सतत  सतर्क दृष्टि ही उन्हें मीडिया जगत में विश्वसनीय बनाती है , तो कलमकारों और रचनाकारों को स्रजन की दिशा प्रदान करती है / हम सत्ता और समाज के बीच मध्यस्थ हैं , सेतु हैं , उनके पथ प्रदर्शक हैं , उन्हें सच्चाई से अवगत कराते हैं और सच्चे अर्थों में हम ही समाज के सजग प्रहरी हैं /
     हम वास्तव में जनता के गैर निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और यह भूमिका हमने स्वेक्षा से स्वीकार की है तो हमें उसका निर्वहन भी सम्पूर्ण निष्ठा से करना चाहिए / इस बात को स्वीकार करने में हमें कोई संकोच नहीं है कि विगत दो दशकों में कमियाँ हमारे वर्ग के बीच भी आयी हैं , किन्तु फिर हम उन कमियों के लिए अपने इस वृहद परिवार को पूरी तरह दोषी मानने के लिए तैयार नहीं हैं / आज का जो राजनैतिक और प्रशासनिक चरित्र है , वह काजल की कोठारी है , कीचड और गन्दगी से भरा मार्ग है / चूंकि हमें उसी गन्दगी के बीच से होकर गुजरना है तो हम कालिख और गन्दगी से पूरी तरह बचकर भी नहीं nikal सकते / मैं yahaan उनकी बात नहीं कर रहा हूँ जो गन्दगी के पक्षधर  हैं  और सच  पर  पर्दा  डालकर  दोषियों  से उपकृत  होकर अपने  को  गौरवान्वित  महसूस  करते  हैं / और न मैं उनकी बात कर रहा हूँ जो मौसम के साथ अपना मिज़ाज बदल लेते हैं , तथा जो भी सत्ता या प्रशासन की कुर्सी पर हो , उसका गुणगान करने लगते हैं / मैं बात उनकी कर रहा हूँ जिनके ह्रदय में समाज की पीड़ा है और जो समाज को पीड़ा से मुक्ति दिलाने के लिए संघर्षरत हैं /
     ऐसे संघर्षरत सरस्वती पुत्र अपनी सारी मेधा के प्रयोग और समाज के प्रति समर्पण के बाद भी वह सम्मान हासिल नहीं कर पाते जिसके  वे अधिकारी  हैं /वे अपने उन  सेवायोजकों  द्वारा  भी सम्मान नहीं पाते जिनके लिए वे जूझ रहे होते हैं / उनकी सेवाओं के बल पर समृद्धि की उंचाइयां छूते प्रकाशन संस्थानों में भी उन्हें महज नौकर समझा जाता है तो उनकी सेवाओं के बदले उन्हें दिया जाने वाला पारिश्रमिक भी पर्याप्त नहीं होता / उनकी कलम भी स्वाधीन नहीं रह पाती क्योंकि उद्यमी और व्यापारिक घरानों के आधिपत्य में संचालित प्रकाशन समूहों और इलेक्ट्रानिक चैनलों के स्वामी अपने व्यावसायिक हितों और आर्थिक लाभ के लिए प्रतिभाओं को अपने अनुरूप चलने को विवश कर देते हैं /
       जब मीडिया अपने कर्त्तव्य मार्ग पर डगमगाता है तो समाज उसके लिए कभी मालिकों को दोषी नहीं ठहराता / चूंकि समाज के प्रहरी की भूमिका हमारी है , इसलिए दोषी हमें ही माना जाता है / हम पर खबरों को तोड़ - मरोड़कर प्रस्तुत करने या पेड़ न्यूज़ छापने और दिखाने के आरोप लगते हैं / यदि ऐसा सच भी हो तो भी क्या उससे वास्तविक पत्रकार और मीडिया प्रतिनिधि लाभान्वित होता है ? सरस्वती पुत्र , लक्ष्मी पुत्रों के सामने बौने नज़र आते हैं / प्रतिभा को पंगु बनाने और गुलाम बनाए रखने का कुचक्र अनवरत जारी है / हमारा , हमारे कर्म का अस्तित्व संकट में है / समूचे राष्ट्रों का इतिहास - भूगोल बदलने की क्षमता रखने वाली कलम शायद ही कभी इतनी असहाय रही हो , जैसी कि इस दौर में है / फिर भी हम बाधाओं से लादे हैं और जीते भी हैं / हर पढ़ा - लिखा व्यक्ति जानता है कि देश को लूटकर अपनी तिजोरियाँ भरने वाले  यदि जेल की शालाखों के पीछे भेजे जा सके तो उसका श्री केवल और केवल मीडिया के खाते में है /
      ऐसे लोग कलम की स्वाधीनता  के शत्रु हैं और सच को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं , जा भी रहे हैं / जाने कितने निर्भीक पत्रकारों को सच उजागर करने के बदले सत्ता और रसूख वालों की प्रताड़ना सहनी पडी तो जाने कितने हर वर्ष मौत की नींद सुला दिए जाते हैं / यदि देश भर के असमय मौत की नींद सुला दिए गए पत्रकारों की वास्तविक संख्या देखी जाय तो शायद वह संख्या सीमा पर देश की रक्षा करते हुए जान गंवाने वालों की संख्या से कहीं अधिक ही होगी / यह तथ्य इस सच्चाई का प्रमाण है कि यदि सैनिक भारतीय सीमाओं के रक्षक हैं तो हम देश की आतंरिक सुरक्षा , सामाजिक समरसता और लोकतंत्र के रक्षक तथा सजग प्रहरी हैं , और यह जिम्मेदारी हम बिना सरकार से पारिश्रमिक लिए निभा रहे हैं / सत्ताधारियों की बार- बार लोकतंत्र के चीरहरण की कुचेष्टा को नाकाम करने में हमारी बिरादरी की अहम् भूमिका रही है और इस  भूमिका के निर्वहन में हमारे साथियों के साहस , त्याग और बलिदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता /
      दुर्भाग्य यह है क़ि इतना सब होते हुए हम भी अपने को उन दोषों से बचा नहीं पाए जो भारत की वर्त्तमान राजनैतिक   व्यस्था  ने  सम्पूर्ण  भारतीय  समाज  में  पैदा  कर  दिए हैं / धर्मानिरपक्षता  के  कथित पक्षधर  राजनेताओं  और राजनैतिक दलों ने सामाजिक व्यवस्था को छिन्न - भिन्न कर दिया है / राष्ट्र का सम्पूर्ण समाज फिरकों में बटा है / पड़ोसी , पड़ोसी पर भरोसा करने को तैयार नहीं है , तो वही दोष हमारे अपने बीच तेजी से विस्तारित होते जा रहे हैं / चाहे वे प्रिंट मीडिया के लोग हों , इलेक्ट्रानिक या वेब मीडिया के लोग या कलमकार , सभी का लक्ष्य एक है लेकिन सभी फिरकों में बाते हैं / इस वृहद् परिवार के किसी सदस्य पर संकट आने पर अब बिरादरी के बीच वैसी एकजुटता नहीं दिखती जैसी क़ि दो - ढाई दशक पूर्व तक दिखती थी / अर्थात सच्चाई यह है क़ि हमारा अपना ही अस्तित्व , हमारे पेशे का अस्तित्व संकट के दौर से गुजर रहा है / दुनिया भर को समझाने की जिम्मेदारी ढोते हुए भी हम शायद अपने ऊपर   घिर   रहे संकट को समझ  पाने में नाकाम   हैं , या समझते  हुए भी कुछ  करना नहीं चाहते / इस परिस्थिति पर निर्णायक  विजय  के लिए संगठित प्रयासों की आवश्यकता को ध्यान  में रखकर  हम- आप  ने पत्रकारों , मीडियाकर्मियों और कलमकारों का एक राष्ट्रीय साझा मंच बनाने  का प्रयास किया है , और इस मंच को नाम दिया है  जर्नलिस्ट्स , मीडिया एंड रायटर्स वेलफेयर एसोसिएशन /
                                           हमारे प्रयास और लक्ष्य 
१- हम वर्त्तमान व्यस्था को बदलना चाहते हैं , तथा संगठित प्रयासों से कलमकारों एवं मीडिया प्रतिनिधियों  की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करना चाहते हैं /
२- हम सारे भारत के पत्रकारों , इलेक्ट्रानिक एवं वेब मीडिया कर्मियों तथा कलमकारों का एक सशक्त साझा मंच तैयार करना चाहते हैं और उस मंच को इतना शक्तिशाली बनाना चाहते हैं क़ि हमारी विरोधी शक्तियाँ , हमारे वृहद् परिवार के किसी भी सदस्य की ओर कुदृष्टि का साहस न कर सकें /
३- हम प्रेस की स्वतन्त्रता , निष्पक्षता और स्वस्थ पत्रकारिता के मानदंडों के उन्नयन के लिए , पत्रकारिता , मीडिया और लेखन जगत से जुड़े लोगों को संगठित करना चाहते हैं और संगठन का विस्तार क्षेत्र स्तर से लेकर जिलों, राज्यों और राष्ट्रीय स्तर तक करना चाहते हैं / हमारा प्रयास होगा क़ि सभी इकाइयों में पदाधिकारियों का चुनाव सदस्यों के बहुमत के आधार पर हो /
४- हम सामान उद्देश्यों वाले अन्य संगठनों के साथ सामंजस्य बनाकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक सरोकारों में मीडिया की सक्रिय भूमिका का निर्वहन करना चाहते हैं / 
५- हम देश भर के लघु एवं माध्यम श्रेणी के प्रकाशनों के लिए न्यूनतम शुल्क पर बेहतर समाचार , फीचर एवं रिपोर्ताज उपलब्ध कराने के लिए सांगठनिक सहयोग से समाचार एवं फीचर एजेंसी की स्थापना करना चाहते हैं /
६- संगठन के माध्यम से पत्रकारिता एवं मीडिया क्षेत्र के प्रति युवाओं को जागरुक और प्रोत्साहित करने के लिए हम प्रशिक्षण pa    केन्द्रों  की भी स्थापना करना चाहते हैं और समाचार संस्थानों  को कुशल  कर्मी  उपलब्ध कराना  चाहते हैं /
7- सरकारी  या संस्थागत  सर्वेक्षण  संस्थाओं  के साथ अनुबंध  कर  हम कार्यदायी संस्थाओं  को ईमानदार परिणाम देना चाहते हैं तो संगठन के सदस्यों के लिए आवश्यकतानुसार रोजगार भी उपलब्ध कराना चाहते हैं /
८- हम श्रमजीवी पत्रकार की परिभाषा के सरकारी द्रष्टिकोण और मापदंड को बदलना चाहते हैं और छोटे प्रकाशनों  , जिनमें महज एक - दो लोगों द्वारा ही सारे कार्य संपादित किये जाते हैं उन्हें श्रमजीवी पत्रकार की शासकीय मान्यता दिलाना चाहते हैं /
९-  पत्रकारों की जिन्दगी सबसे अधिक जोखिम भरी है / वह माफिया के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे धमकियां मिलाती हैं और कभी- कभी गोलियां भी / प्रशासनिक भ्रष्टाचार की परतें उघाड़ता है तो प्रताड़नाओं का सामना करना पड़ता है और राजनीति को आइना दिखाने का प्रयास करता है तो राज्कनेता उसके विरोधी हो जाते हैं / यदि वे अपने जोखिम भरे काम में अपनी जिन्दगी भी गँवा बैठते हैं तो भी समाज और सरकार की और से उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाटा जिसके वे अधिकारी हैं / हम संगठित प्रयासों से इस परिस्थिति को बदलना चाहते हैं /
१०- हम एक ऐसे पत्रकार कल्याण कोष के स्थापना करना चाहते हैं , कि किसी  पत्रकार साथी  , मीडियाकर्मी या लेखक को किसी आकस्मिक आपदा की स्थिति में आर्थिक मदद की जा सके और उसक परिवार को सम्मानजनक जिन्दगी दी जा सके /
११- हम स्वस्थ पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रीय और समन्वित भागीदारी निभाना चाहते हैं और वह सब करना चाहते हैं जो व्यावहारिक है तथा पत्रकारिता के मानदंडों के अनुरूप है /
नोट ---यदि आप हमारें सिद्धांतों से सहमत हैं तो हमें हमारें ईमेल एड्रेस -------- journalistsindia@gmail.com पर सम्पर्क करें .

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