आदरणीय शुक्ला जी आप जिस प्रकार से अपनी सामग्री प्रकाशित कर रहे हैं, उसे आसानी से पढ़ना संभव नहीं हैं| ऐसे में इतनी महत्वपूर्ण सामग्री ही उपयोगिता सीमित हो जाती है, बेशक इसके चलते आपकी रचनाओं की चोरी थोड़ी मुश्किल जरूर हो जाती है, लेकिन लेखन का लक्ष्य पूर्ण नहीं होता! आशा है की इसे अन्यथा नहीं लेंगे! शुभाकांक्षी डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ’निरंकुश’ 098285-02666 0141-2222225
Soch mein gulami kee dastabhari soch mein praypt badlaw nahi hone se deshprem ka jajba pichhda hai...bas esi ko badlne ke jarurat hai... bahut badiya saargarbhit jan jaagrtibhari prastuti ke liye aabhar! Rakshabandhan kee aapko bhi haardik shubhkamnayen!
सवाल यह है कि क्या मालिक का दर्जा जनता को मिल रहा है। ‘राइट टु रिकाल’ का भी हक जनता को नहीं है और न ही नाकारे नेताओं को चुनाव में नकारने का[जब कि इसका संविधान में प्रावधान है], तो फिर कैसे हम अपने को मालिक समझें?
चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी, जी . एन. साव जी , सवाई सिंह राजपुरोहित जी आप सब मित्रों को रक्षा बंधन पर्व की मंगल कामनाओं सहित सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के लिए बहुत- बहुत आभार
अच्छी है राष्ट्रवादी सोच.
ReplyDeleteआदरणीय शुक्ला जी आप जिस प्रकार से अपनी सामग्री प्रकाशित कर रहे हैं, उसे आसानी से पढ़ना संभव नहीं हैं| ऐसे में इतनी महत्वपूर्ण सामग्री ही उपयोगिता सीमित हो जाती है, बेशक इसके चलते आपकी रचनाओं की चोरी थोड़ी मुश्किल जरूर हो जाती है, लेकिन लेखन का लक्ष्य पूर्ण नहीं होता!
ReplyDeleteआशा है की इसे अन्यथा नहीं लेंगे!
शुभाकांक्षी
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ’निरंकुश’
098285-02666
0141-2222225
आप मित्रों का बहुत- बहुत आभार
ReplyDeleteSoch mein gulami kee dastabhari soch mein praypt badlaw nahi hone se deshprem ka jajba pichhda hai...bas esi ko badlne ke jarurat hai...
ReplyDeletebahut badiya saargarbhit jan jaagrtibhari prastuti ke liye aabhar!
Rakshabandhan kee aapko bhi haardik shubhkamnayen!
कविता रावत जी
ReplyDeleteआपके मेरे ब्लॉग पर आने और मेरे ब्लॉग को फालो करने का आभार .
सवाल यह है कि क्या मालिक का दर्जा जनता को मिल रहा है। ‘राइट टु रिकाल’ का भी हक जनता को नहीं है और न ही नाकारे नेताओं को चुनाव में नकारने का[जब कि इसका संविधान में प्रावधान है], तो फिर कैसे हम अपने को मालिक समझें?
ReplyDeleteशुक्ल जी बिलकुल सठिक विश्लेषण ,हमारे सोंच में बदलाव लाने होंगे तभी कुछ बदला जा सकता है !आज के परिप्रेक्ष में बदलाव जरुरी है !
ReplyDeleteआदरणीयशुक्ल जी
ReplyDeleteकाफी अच्छा आलेख.
आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ ब्लॉग की तरफ से रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteसवाई सिंह राजपुरोहित आगरा
आप सब ब्लॉगर भाई बहनों को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई / शुभकामनाएं
चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी,
ReplyDeleteजी . एन. साव जी ,
सवाई सिंह राजपुरोहित जी
आप सब मित्रों को रक्षा बंधन पर्व की मंगल कामनाओं सहित सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के लिए बहुत- बहुत आभार
उम्दा चिंतन!!
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